और अपने चूतड़ उघाड़ कर पीछे निकाल दी।मेरे गोरे चूतड़ हल्की रोशनी में भी चमक उठे। मैंने अपनी चूतड़ की प्यारी फ़ांके अपने हाथों से चीर दी और गाण्ड का छेद खोल कर दे दिया। मेरे थूक से भरा हुआ उसका लण्ड मेरी गाण्ड के छेद पर आ टिका। मैंने हल्का सा गाण्ड का धक्का उसके लण्ड पर मारा।उसकी सुपारी मेरे गाण्ड के छेद में फ़ंस गयी। उसके लण्ड के अंदर घुसते ही मुझे उसकी मोटाई का अनुमान हो गया। “पंचम…. ” मैं चरमसीमा लांघ चुकी थी…. BF XXX अब मैं तुम्हारी हू…. मजा आ रहा है…. तेरी तो फ़ाड़ डालूं…. यही सो जाओ ना….”“जी….भाभी….रात को अगर मुझे फिर से इच्छा होने लगी तो…”“आज तो हमारी सुहागरात है ना…. बोल दो ना….” मैंने उसके चेहरे की तरफ़ बड़ी आशा से देखा।“भाभी आप मुझे अच्छी लगती हैं….” आखिर उसने बोल ही दिया….और मेरा फ़ंदा कस गया।“पंचम….मेरे अच्छे पंचम …. पर वो एक २२ वर्षीय जवान लड़का था, मेरे जैसी ३३ साल की औरत के साथ उसका क्या मुकाबला….। उसमें ताकत थी….जोश था…. उसे ये नहीं पता था कि लण्ड कहां रखना है….















