यहाँ मुझे कौन जानता है, सब लोग यही समझ रहे हैं कि मैं रंडी हूँ! XXX Hindi अंदर आ जाओ। इतना शरमाओगे तो 5-6 दिन कैसे काटेंगे।सर्वेश और मैं अंदर वाले कमरे में आ गए। मैंने मुस्कराते हुआ कहा- सुबह से साड़ी लपेटी हुई है, अब कुछ हल्का हो लेती हूँ!और मैंने अपनी साड़ी सर्वेश के सामने उतार दी मेरी तनी हुई चूचियां सर्वेश को ललचा रही थीं। पेटीकोट थोड़ा ठीक करते हुए मैंने नाभि के नीचे सरका दिया।मैंने अपनी बाहें फ़ैलाते हुए कहा- गले तो मिल लो!सर्वेश एक पुतले की तरह मेरी बाँहों में आ गया मैंने उसे कस कर चिपका लिया, अब मेरी चूचियाँ उसके सीने से दब रही थीं, सर्वेश के लंड का उभार मैं अपनी नाभि पर महसूस कर रही थी। मैंने उसे 5 मिनट तक अपने से चिपके रखा और उसके गालों को कस कर चूम लिया। यह हमारा पहला सेक्स अनुभव था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.उसके बाद मैं बाथरूम में चली गई, मैंने अपनी चड्डी और ब्रा उतार दी और ब्लाउज दुबारा से पहन लिया। बाहर आकर सर्वेश को दिखाती हुई बोली- इन्हें उतार कर बड़ा आराम लग रहा है। अब मेरे बदन पर ब्लाउज और पेटीकोट था। बिस्तर पर सर्वेश को बैठाकर मैं उसकी गोद में लेट गई और अपने चिकने पेट पर उसका हाथ रख लिया।सर्वेश मेरी नाभि और















