वे उसे तुरंत बैडरूम में ले जाना चाहते थे लेकिन माया ने उनकी पकड़ से छूट कर कहा, “ये क्या, बाबूजी? किसी स्त्री के मुंह से ऐसे शब्द सुनना तो और भी विस्मयकारी था.उनकी पत्नी तो इतनी शालीन थी कि उनके सामने ऐसी भाषा का प्रयोग करना अकल्पनीय था. XXX BF वहां से कौन देखेगा?”“मर्द लोग ऐसी ही लापरवाही करते हैं. अब माया हौले-हौले धक्के लगाने लगी.माया की गर्म चूत में जा कर अश्विनी के लंड में जैसे आग सी लग गयी. थोड़ी देर बाद अश्विनी माया को पलंग पर ले गए. उन्होंने माया को अपनी बाहों में भींच लिया.उन्हें अपने लंड पर उसकी चूत का स्पंदन महसूस हो रहा था जिसे वे सहन नहीं कर पाये. उनका लिंग सटासट योनि के अंदर-बाहर हो रहा था. थोड़ी देर बाद अश्विनी माया को पलंग पर ले गए. मैं तुम्हारी गरीबी और तुम्हारा दुःख दूर करना चाहता हूँ.”“और मुझे सिर्फ वो ही काम करना होगा जो मैं अभी करती हूँ?”“हां, पर साथ में मुझे तुम्हारा थोड़ा सा प्यार भी चाहिए. … तभी दरवाजे पर दस्तक हुई तो अश्विनी की नींद खुल गई. सुबह हो चुकी थी.















