ज़िंदगी बड़ी छोटी है, जवानी बची है सिर्फ १० साल के लिए, फिर तो मैंने बूढी हो जाउंगी फिर तो किसी काम का नहीं, कभी कभी सोचती हु तो मन बैचेन हो उठता है, क्या करूँ समझ में नहीं आता, कभी कभी तो लगता है मैं यहाँ से भाग जाऊ और दूसरी शादी कर लू.इतना कह कर भाभी रोने लगी, मैंने उनको बोला भाभी देखो आपकी तो शादी हो गयी है, मैं मानता हु भैया आपको शरीर का सुख नहीं दे रहे है, मेरी शादी अभी नहीं हुयी है और मैं अभी ६ से ७ साल तक नहीं करने बाला हु, अगर आप चाहो तो मैं आपको ये सारे ख़ुशी दे सकता हु.आपको मैं किसी चीज़ की कमी भी नहीं होने दूंगा, आप बहुत खुश रहोगे, अगर आप बुरा ना मानो तो, तो भाभी बोली नहीं नहीं इसमें बुरा मैंने की क्या बात है, पति ही जालिम है तो कर क्या सकती, आप तो मेरा इतना ख्याल रखते हो, यही काफी है, मैं भी यही चाहती थी देवर जी पर मैं सोचती थी आप मेरे से उम्र में छोटे हो इस वजह से.मैंने कहा मैं आपको सेक्स सुख दे सकता हु, और मैंने उनका हाथ पकड़ा, वो मेरी आँखों में आँख डाल के देखने लगी और हम दोनों एक साथ बेड पे लेट गए जैसा की आपने सुहागरात के सीन को सिनेमा















