“अरी डार्लिंग …आज हमारी सुहागरात है। आज हमे सोना नही चाहिए। सिर्फ और सिर्फ चुदाई करना चाहिए” पतिदेव बोले.और मेरी दोनों टांगो को उन्होंने फिर से खोल दिया और मेरी चूत में लंड सटाकर मुझे ठोकने लगे। बाप रे…ऐसा चोदू आदमी मैंने पहली बार देखा था। यहाँ मेरा भोसडा फटा जा रहा था और पति थे की आउट होने का नाम ही नही ले रहे थे। दोस्तों पता नही कितना स्टैमिना था उनका। वो मुझे पका पक बजाते ही चले गये और मेरी चिकनी चूत का बुरा हाल हो गया था।मैं “……हाईईईईई…. XXX BF माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह..” मैं चिल्ला रही थी। मैं पूरी तरह से नंगी थी और दोनों घुटनों को खोलकर मैं पति के सामने छत पर लेती हुई थी।आधे घंटे से पति मेरी रसीली चूत पी रहे थे। मैंने उनके बालो को बड़े प्यार से सहलाए जा रही थी। उनकी खुदरी जीभ मेरी नाजुक चूत को बार बार छेड़ रही थी। मेरे भोसड़े से अब रस निकलने लगा था। साफ था की मैं अब चुदवाने को पूरी तरह से रेडी हो चुकी थी।पति अब मेरी भीगी चूत में ऊँगली करने लगे और तेज तेज अपनी उँगलियाँ मेरे भोसड़े में चलाने लगे। फिर पति ने मेरी गीली चूत में अपना गीला लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। कुछ देर बाद उनका लंड मेरी चूत की गहराई में जाकर उसे अच्छी तरह से















