.ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” की आवाज के साथ चिल्लाने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैंने फिर से धक्का मारा। इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। मुझे अपना लंड भीगा भीगा लग रहा था। मैंने अपना लंड संध्या की चूत से निकाला। संध्या की चूत से खून निकल रहा था। मैंने संध्या की चूत में अपना लंड फिर से डाल दिया।संध्या की चूत में अपना लौड़ा घुसाये ही मैंने संध्या को उठा कर नीचे लिटा दिया। संध्या दर्द के मारे तड़प रही थी। संध्या की चूत से अपना लौड़ा निकाला। संध्या की चूत से खून की बूँदे टप टप करके नीचे गिरने लगी। संध्या डर गई। मैंने उसे समझाया।सील टूटने पर थोड़ा खून निकलता है। अभी तक तुम्हारी सील नहीं टूटी थी। आज मैंने तोड़ दी है। अब तुम्हे कभी न ही दर्द होगा न ही कभी अब खून निकलेगा। लेकिन संध्या तो खून को देख कर और ज्यादा डर रही थी। मैंने अपना लौड़ा फिर से उसकी चूत पर रख दिया।मैंने संध्या की चूत को सहला सहला कर उसे आराम दिला रहा था। संध्या को आराम मिल रहा था। मैंने फिर से अपना लौड़ा संध्या की चूत में घुसाने को संध्या की चूत के छेद पर लगा दिया। संध्या बहुत डर रही थी। उसने कहा भैया अभी फिर खून निकलेगा। अब ना डालो अंदर
रात भर गरमा-गरम सेक्स करती हुई कामुक देसी जोड़ी
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