आज मैं आप सब को अपने मुहल्ले की कविता की चूंचे दबाने की कहानी सुनाने जा रहा हूं। वो दीवानी लड़की अपनी जवानी के चरम उफान पर थी और मैं उसके पीछे पड़ा था, सच तो ये है कि उसके पीछे मुहल्ले के सारे लड़के पड़े हुए थे। पर मेरी बात कुछ और थी, मैने उसको अपने शीशे में उतारने के लिए हर कोशिश की थी और आज कल वो मुझे अच्छे से लाइन दे रही थी। Ladki Chudai XXXआज मैं उसकी गली में उसके चूंचे दबाने की फिराक में खड़ा था, लू चल रही थी और कोई भी गली में न था, सब दुबके पड़े थे अपने अपने घरों में कि कविता अपने घर से निकली और निकल के गली के मोड़ पर जैसे ही आई, मैं छुप के देख रहा था और मैं उससे टकरा गया. BF XXX इस तरह से जैसे ही मैं उससे ट्कराया, वो मुस्करा उठी, मेरे हाथ अनायास उसके चूंचे पर चले गये और जब मैने दबा दिया.तो बोली “क्यों बे कमीने, तुम्हारे घर में मां बहन नहीं है क्या?”मैने कहा “है तो सही पर तुम्हारे भाईयों की तरह मैं माधरचोद और बाहनचोद नहीं हूं”.इस बात पर वो मुस्करा के बोली कि ऐसा करते हैं, चल आज चलते हैं देखते हैं तुम्हारे लंड में कितना दम है, तुम आजकल बहुत बेचैन हो रहे हो। तेरे जैसे बहुत देखे
ममता भाभी ने अपने भतीजे के साथ गर्मा-गर्म चुदाई की मजेदार रात
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