भीगी हुई होली की रात, रंगों से भरी मस्ती

मैं सर को हिला हिलाकर उसके लंड को अंदर गले तक ले जाकर चूसने लगी. XXXBF मेरे पुरे बदन में मीठी मीठी लहरे दौड़ रही थी. दूसरी शाम को बलविंदर मेरे काम में धीरे से बोला “जैस्मिन!! फिर बलविंदर अपना लौड़ा मेरी गांड में आगे पीछे करने लगा. उसने मेरा दर्द नही देखा , ना ही मेरी चीख पुकार सुनी. बलविंदर ने मेरी एक बात नही सुनी और अपने घुटनों के बल बैठके मेरी गांड में लौड़ा अंदर बाहर करने लगा. बलविंदर ने फिर से एक कंडोम फाडकर अपने लंड पर लगा लिया था वरना मैं पेट से हो सकती थी.धीरे धीरे उसका लौड़ा मेरी गांड के बड़े महीन के छेद में जाने लगा. देखने में बिलकुल पटाका लगती हूँ. देखने में बिलकुल पटाका लगती हूँ. मेरी गांड चोदने लगा. मेरे जिस्म में छिपी एक असली औरत मचल गयी और चुदवाने के ख्वाब बुनने लगी. इससे उसे कसा कसा लगने लगा. मैं किसी चुदासी कुतिया की तरह बलविंदर का सारा माल पी गयी.अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- बलविंदर को सुबह सुबह प्याज के पकोड़े बहुत पसंद थे. खूब मजा आने लगा मुझे. बाद में मेरे दूध पी लेना. उसको भी प्यार करने के लिए एक जवान लडकी चाहिए थी. घटों बलविंदर मेरी गांड लेता रहा फिर झड गया.

भीगी हुई होली की रात, रंगों से भरी मस्ती

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