भारतीय यौन कहानी – 2012 04 03 09

ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैनें मुस्कुरा कर पूछा “मुझे शर्म लग रही है, बैठ जाऊं?”उन्होंने बाहें फैला कर मेरा स्वागत किया, मैं झुक कर उनकी बाहों में गिर पड़ी, ठुनक कर बोली “अब ज्यादा मत तडपाइये, मेरा दम घुट रहा है.”लुढ़कते हुवे वे मुझे निचे करके मेरे उपर आ गये, मेरे गुप्तांग को टटोलते हुवे दो चार चुटकियाँ काटी, फिर कहने लगे “तुम तो पहले से ही तैयार हो”.“आप भी तो तैयार हैं.”मेरे कहते ही उन्होंने फिर मेरे होंठों को चुसना सुरु कर दिया, मुझे होंठों पर जलन महसूस होने लगी थी, पता नहीं मेरे होंठों का रस उन्हें कितना अच्छा लग रहा था, बार बार चूसने लगते थे, मैनें उनका लिंग पकड़ कर पुरी ताकत से दबाया तो वे उठते हुवे बोले “तुम बताओ तुम्हे कौन सा आसन पसन्द है”.“पहले तो वे (मेरे पति) इसी तरह चित लिटा कर जाँघों के बिच बैठते थे, लेकिन अब अक्सर वे चित लेट कर मुझे अपने उपर बैठाते हैं, उस तरह थकान जरूर मुझे परेशान करती है लेकिन आनन्द बहुत आता है, फिलहाल आपको जो आसन पसन्द हो उसी को आजमाइये! XXXBF अपना मकान है, इकलौता बेटा कमा ही रहा है, इसलिये वे घर में ही बेकार पड़े रहते हैं, उनकी उम्र लगभग सैंतालिस साल है.

भारतीय यौन कहानी – 2012 04 03 09

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