ये दोनों भाई मेरे बचपन के दोस्त है। मैं इनको तबसे जानता हूँ जब मैं खुद को भी नही जानता था। आप बेकार पर शक कर रही है!” कुनाल बोला.दोस्तों, मैंने सोचा की सायद मुझे ही गलतफहमी हो गयी हो। सायद मुझे ही शक हो गया हो और इस तरह की कोई बात ना हो। २ महीने बाद का मेरी शादी का मुहूर्त निकल गया। शादी के वक़्त भी मेरे पति कुनाल के दोस्तों अरविन्द मनोहर मुझे ना जाने क्यों सर से पांव तक घूर घूर के देख रहे थे। जैसे मुझे मौका मिलते ही खा जाएँगे। “Group Suhagrat Sex”मैं थोडा डरी हुई थी, पर मेरे प्यारे पति कुनाल मेरे साथ थे इसलिए मुझे किसी तरह का डर नही था। शादी के बाद मेरे पति मुझे सीधा रांची ले आये। वो यही पर एक फैक्टरी में इंजीनियर थे। प्राइवेट कम्पनी में तो वैसे ही कम छुट्टी मिलती है। इसलिए शादी के बाद मैं सीधा रांची अपने पति के पास रहने आ गयी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.यहाँ पर उन्होंने एक बड़ा ही खूबसूरत २ bhk ले रख था। बहुत सुंदर फ्लैट था। आज रात को ही मेरी सुहागरात होने वाली थी। इसलिए मैंने सारे घर को अच्छे से सजा लिया था। मेरे पतिदेव कुनाल काम पर गये थे। शाम को वो आये तो उसके हाथ में










