ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली विकास प्लीज ऐसा मत करो ना अभी कोई आ जाएगा। विकास बोल कोई नहीं आएगा मैं बोली तुम भरतपुर चलो वहां तो मैं जो करना है तुम कर लेना विकास ने कहा ठीक है फिर थोड़ी देर बाद टीटीई टिकट चेक करने आया और फिर टिकट चेक करने के बाद वह चला गया।फिर हम भी खाना खाकर थोड़ा सो गए थोड़ी देर बाद मेरे फोन का अलार्म बज हम लोग भरतपुर पहुंचने वाले थे फिर हम लोगों ने समान तैयार किया और भरतपुर स्टेशन पर उतर गए। वहां पर हम लोगों ने टैक्सी लिया और हम होटल पहुंच गए होटल जाकर मैं कमरे में सामान रखा.और विकास ने भी सामान रखकर कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और दरवाजा बंद करते ही विकास भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर आ गया। उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और किस करने लगा मैं भी गरम हो गई थी तो मैं भी उसे कसकर पकड़ के किस कर रही थी फिर विकास ने मेरा शर्ट उतार दिया और मेरे बस को छोड़ने लगा.उसने मेरी ब्रा को भी खोल दिया थोड़ी देर बूब्स सोचता रहा फिर उसने मेरी जींस का बटन खोल और मेरी जींस उतार दे फिर उसने हाथों-हाथ मेरी पैंटी भी निकाल कर फेंक
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