मैं बहोत खुश हो गया. आ मुझे कुछ हो रहा हैं. BF XXX मेरी नज़र उसकी तरफ गयी. आइ आम सो सॉरी…वो बहोत रो रही थी.. और फिर उससे बाते करने लगा. मेरे बालों मे से उंगली घुमा रही थी.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मे: अया…. वो भी सीखेगी क्या?दीपिका: नही..दर्द होता हैं.मे: मज़ा भी उतना ही आता हैं.दीपिका: अब क्या करूँ?मे: तू उल्टी तरफ से चढ़ि हैं. मैं बेड पे बैठा था और वो मेरी गोद मे. मैने उसे कहा “नही इसे लंड कहते हैं और ये जो तेरे पैर के बीच हैं इसे चूत!!”. जैसे ही मेरा लंड देखी उससे खेलने लगी..मे: अभी मत कर कुछ.. तो वो पेट के बल लेटी थी.. वो मेरे सामने ही बैठी थी अपने नीस फोल्ड करके.. मुझे अपने बॉल्स मे प्रेशर महसूस हुआ.. वो अपने घर चली गयी थी और मैं अपने घर.. मैने उसे छोड़ा और वो मेरी तरफ देखने लगी…दीपिका: भैया… मैं हमेशा तुम्हारी रंडी बनी रहूंगी बस मुझे चूस्ते रहना…मगर मेरा लंड अब भी कड़क था,खड़ा था..मेरी आग अभी बुझी नही थी. मैं बारी बारी से उसके निपल्स चूस रहा था. और मेरे लंड पे लगा..मैने बॉटल उसके हाथो मे दी और वो हनी हाथ मे लेने लगी.. मैने कहा“नंगी हो पूरी!”दीपिका-“मुझे घर जाना हैं”मे: ज़रूर जाना. कभी मेरे बाल्स को भी किस करती और अपनी