फिर मैंने कहा कि आराम मिल रहा है, भाई ऐसे ही कर। फिर वो अपने हाथ मेरी ब्रा तक लाने लगा और कहने लगा कि प्रतिमा तेरी ये अटक रही है।मैं: क्या भाई?रिशु: ये बनियान।मैं: इसे बनियान नहीं कहते हैं।रिशु: तो क्या कहते हैं?मैं: भाई इसे ब्रा कहते हैं।रिशु: तो यह मालिश करने में अटक रही है।फिर मैंने उसे हटा दिया और उसे लगातार मालिश करने का इशारा किया। फिर वो मेरे कुलहो को छूने लगा गया और ऊपर मेरे बूब्स पर उंगलियां लगाने लगा।मैं: भाई थोड़ा बीच में कमर पर करो, आराम मिल रहा है।रिशु: मुझसे ऐसा नहीं हो रहा, उसके लिए तेरी कमर के दोनों तरफ रखने पड़ेंगे।मैं: (कुछ सोचते हुए) तो रख लो।फिर उसने अपने दोनों हाथ मेरी कमर के दोनों तरफ रख दिए और मालिश करने लगा। आह्ह्ह बहुत आराम मिल रहा है भाई, ऐसे ही करो। फिर वो मेरे कुलहो पर बैठा गया और उसका लिंग मेरी मोटी गुदा में अटकने लगा, मैं तो जैसे मर रही थी। मेरा मन कर रहा था कि वो अभी अपना लिंग मेरी चुत में पेल दे और खूब चोदे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था।वो अपने हाथ ऊपर उठाकर नीचे मेरी गुदा तक लाता था और जब हाथ ऊपर जाता तो उसका लिंग मेरी सलवार से अंदर घुस जा रहा था। उसने शायद अपना लिंग मेरी गुदा के छेद पर















