भारत की नवयौवना

मैंने अर्चना की उठती गिरती छातियों को दबाकर कहा।अर्चना आऽऽऽऽह आप बहुत मज़ा देते हो। उफफफफ।अब मैंने उसे चूमते हुए खड़ा किया और उसकी साड़ी उसके बदन से अलग कर निकाल दिया। अब उसकी पूरी गीली पैंटी मेरे मुँह के सामने थी। मैंने अपना मुँह उसकी पैंटी के अंदर डाला और सूँघते हुए जीभ से उसे चाटने लगा। अर्चना फिर से उइइइइइइइ कर उठी।अब मैंने उसकी पैंटी को भी नीचे कर निकाल दिया और अब उसकी बुर को सूँघते हुए और चूमते हुए अपनी जीभ से चाटने लगा। एक बार फिर से अर्चना के बदन में मानो बिजली का करेंट सा लगा और वो आऽऽऽह कर उठी। मेरा दोनों हाथ उसकी एक एक गाँड़ पर थे और वह उनको दबाकर पूरी शिद्दत से उसकी बुर चाट रहा था।अर्चना अब फिर से आऽऽऽऽऽऽऽह हाऽऽयय्य कर उठी। मेरी आँखों के सामने पूरी नंगी जवानी उसे मदमस्त कर रही थी। क्या क़िस्मत पायी है उसने जो ऐसी मस्त कमसिन जवानी का आज मज़ा मिल रहा है – मैंने सोचा अगर इसका पति है फिर भी ये कमसिन सी क्यों लगती है.मेरे मन मे ख्याल आया कि में इसके परिवार के बारे में बात कर, उत्सुकता बनी हुई थी मन मे, मानो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसका मर्दन मर्द के हाथों और लण्ड से अभी जबरदस्त नही हुआ है वो वयकुल सी है अपनी

भारत की नवयौवना

Related videos