मैं मर गई !” मैंने उसका हाथ नहीं हटाया और वो ज्यादा उत्तेजित हो गया।“भाभी…. XXX BF हाय्…. बोल दो ना….” मैंने उसके चेहरे की तरफ़ बड़ी आशा से देखा।“भाभी आप मुझे अच्छी लगती हैं….” आखिर उसने बोल ही दिया….और मेरा फ़ंदा कस गया।“पंचम….मेरे अच्छे पंचम …. बस घुसा दो….” मैंने पंचम से अपनी दिल की हालत बयां कर दी।“भाभी…. भोसड़ी चोद दूं…. ठंडी हवा मेरे पेटीकोट में घुस कर मेरे चूत को और गाण्ड को सहला रही थी…. तेरी चूत मारूं…. ये क्या….?” मैंने प्यार से कहा….उसका निकलने वाला था। उसके शरीर में ऐठन चालू हो गई थी। मैं जानती थी कि मर्द कैसे झड़ते हैं। “हां भाभी…. आह रे…. दर्द हुआ …. मैंने अपने आपको उसके हवाले कर दिया। मेरा शरीर वासना के मारे झनझना रहा था। उसका लण्ड मेरी गाण्ड के छेद पर दस्तक दे रहा था।“तुम मुझे प्यार करते हो….!” मैंने वासना में उसे प्यार का इज़हार करने को कहा।“हां भाभी…. पूरी जवानी पर था। वो तुरन्त उठ बैठा। वो शायद मुझे छोड़ना नहीं चाह रहा था।मुझे भी लग रहा था कि कही वो अब चला ना जाये। पर मेरा अनुमान गलत निकला। वो फिर से मुझसे प्यार करने लगा। मुझे अब अपनी प्यास भी तो बुझानी थी। मैंने मौका पा कर फिर से उसे उत्तेजित करना चालू कर दिया। कुछ ही देर में वो और उसका लण्ड तैयार था।















