में अपने रोज के काम मे व्यस्त हो गई और में 11.30 बजे तक इंतज़ार करती रही.. अब तेरी चूत का ढक्कन खुला है और तेरा पति तो सिर्फ़ लंड का वीर्य डाल के मज़े ले रहा था.मंटू अब भी धीरे धीरे लंड अंदर समाता जा रहा था और मेरी चूत की सारी दीवारे उसके लंड पर चिपक चुकी थी और उसने पूरी तरह से चिपककर नीचे से मुझे जकड़ लिया और बूब्स को मसलने लगा और वो धीरे धीरे कमर हिला रहा था. BF XXX इसलिये में बेडरूम में वापस जाकर स्टूल पर बैठ गई.थोड़ी देर बाद दिलीप बोला मेडम ए.सी. में कमरे के बाहर आई तो वहां कोई नहीं था लेकिन घर का मेन दरवाजा खुला था और में शायद लॉक करना भूल गई थी.में दरवाजा लॉक करने गई तो वहां एक 30-32 साल का पुरुष दरवाजे पर खड़ा था और उसके हाथ में टूल किट था और वो मुझे मुस्कुराती नज़रों से देख रहा था. इतना कहकर मंटू ने दो उंगलियां मेरी चूत के अंदर डाल दी और मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी. के आउटडोर में पानी जा रहा है और शायद पानी की लाइन में प्रोब्लम है..















