.ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलने को विवश हो गयी। फिर पेंटी को उतार दिया।“क्या मेरी चूत को चाटोगे???” वो पूछने लगी.“हाँ!! XXX Hindi चुदाई???” मैंने कहा.“हाँ। कई बार की है और अपने??” मैंने पूछा.“नही!!” चाची बोली.“हाय री!! हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”करने लगी। मेरी जीभ उनकी गांड का गुलाबी छेद सिद्दत से पी रही थी।आह कितना सुखद अहसास था वो। मैं आज अपनी सगी चाची के दोनों छेदों को चोदने के मूड में था। अब गांड चुदाई की बारी थी। मैंने चाट चाटकर उसे भी साफ़ किया। फिर लंड पकड़कर उसने घुसाने लगा।““आऊ…..आऊ….हमममम आराम से विनीत!! ओह्ह गॉड!! हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”करने लगी। मेरी जीभ उनकी गांड का गुलाबी छेद सिद्दत से पी रही थी।आह कितना सुखद अहसास था वो। मैं आज अपनी सगी चाची के दोनों छेदों को चोदने के मूड में था। अब गांड चुदाई की बारी थी। मैंने चाट चाटकर उसे भी साफ़ किया। फिर लंड पकड़कर उसने घुसाने लगा।““आऊ…..आऊ….हमममम आराम से विनीत!! इतनी बड़ी तुम हो गयी। आजतक चुदाई का मजा नही लिया आपने??”“मुझे किसे से चुदने का मौका ही नही। चूत में ऊँगली की थी” वो बोली.उसके बाद हम दोनों फिर से किस करने लगे। मेरे दोनों हाथ चाची के दूध पर चला गया और सूट के उपर से मैंने उनके 40” के भरे भरे आमो को दबा दिया। धीरे धीरे उनके सूट को उतरवा दिया और नई वाली चाची को ब्रा पेंटी में
नीहा भाभी की गर्म चुदाई की कहानी – भाग ५९
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