मेरी बूर को चाहते हुए चुसो..?आह ? BFSex दसूरे दिन दूकान का बन्दी था। घर पर दो बजने का इन्तजार में था। जब दो बजा मालिक के यहां चल दिया।बन्दी थी जिससे मालिक का घर पर होना निश्चित था। भगवान के भरोसे मैं घण्टी का स्वीच दबाया। एक बच्चा आकर दरवाजा खोला। घर में प्रवेश कर ड्राइंगरूम की ओर चल परा। ड्राइंग रूम में जाने के बाद कुसी में बैठ गया और वह बच्चा रूम में चला गया।कुछ दरे बाद वह बच्चा पुनः मेरे पास आया और मुझे रूम की ओर जाने के लिए इशारा किया था। उसके हाथ में पांच रूपया था। वह मुझे रूम ओर जाने के लिए बताया और घर से बाहर की ओर गया। मैं उस बच्चे के द्वारा बताये गये रूम की ओर चला। मेरे दिल की धडक तेज हो गयी थी।जब मैं रूम में प्रवशे हाने लगा था ध स्कने तेज होने के कारण थे आज जरूर हमें नौकरी से छुटकारा हो ही जायेगी। जब रूम में प्रवेश किया तो मालकिन के अलावा कोई न था। वह बिछावन पर चादर ओढ़कर लेटी हुई थी। सीर्फ मालकिन का चेहरा खुला था। वह बोली संदीप आओ मेरे पास आओ !मैं धीरे-धीरे चलते हुये उसकी बिछावन की ओर बढ़ता चला गया। अचानक दरवाजा बन्द होने की आवाज मेरे कानों में पड़ी। शायद कोई दरवाजा की सिटकनी बन्द कर रहा था।
टीवी देखते हुए जीजा आए और बातों-बातों में मुझे चुदवा लिया
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