साली ईच्छा तो मेरी तेरी चुत में अपना लण्ड डालने की भी हो रही है उसे पुरी करके दिखायेगी तब मानु ?तभी अपना मौन तोड़ते हुये बे बोले…… मिस हिमांशी। आगर मुम्हें मेरा कोई बात बुरी लगे तो बता देना मैं किसी को जबरदस्ती परेशान नहीं किया करता।सर आप मुझे गैर क्यों समझ रहे हैं मैं तो आज से आपकी चीज हुंफिर आप ही सोचिये कि अपनी को क्या एतराज हो सकता है।गुड गर्ल काफी समझदार लगती हो मिस हिमांशी बहुत दिनों से तुम जैसी सुन्दर व समझदार लड़की की ही जरूरत थी। मुझे लग रहा है कि आज मेरी मुराद पुरी हो गई है।हिमांशी शर्म से दोहरी हो उठी थी वह समझ रही थी कि साला किस चक्कर में हैं। मगर आपने भी सोच लिया था कि जब चूत हथेली पर होतो लण्ड से क्या घबराना और यही सोच वह आने वाले खतरों का दिल थाम कर इन्तजार कर रही थी। और जैसे सत्यम ने हिमांशी की एक चुची की तरफ हाथ बढ़ाया तो वह हड़बड़ा कर बोली।ओह नो सर। कोई आ जायेगा।मिस हिमांशी। इस कमरे में मेरे और तुम्हारे सिवाय मक्खी भी नहीं आ सकती खुलकर पेश आओं ये राज की बाते राज ही रहेगी ये हमारा बायदा है।जी…..जी ठीक है।हिमांशी इस बार कुछ कांप उठी थी क्योंकि जिन्दगी में पहली बार कोई उसके कुंवारे व अछुते जिस्म पर हाथ















