गर्मी की भीगी रातों में मेरी माँ का उत्तेजक सफर

पहले तो बड़ी अकड़ रही थी। मैंने तो पहले ही कहा था आज मैं तेरी गाँड फाड़ के रहुँगा । अभी तो केवल आधा गया है। अब मैं पूरा डालने वाला हूँ!” ऐसा कह कर मैंने पहले से भी तगड़ा एक शॉट और मारा और इस बार मेरा लंड उनकी गाँड में जड़ तक समा गया।“अरे मादरचोद, मुझ पर से नीचे उतर… ना तो तुझसे से कार सीखनी, ना तुझसे चुदवाना, ना तुझे ईंग्लिश पढ़ाना… अरे मर गयीईईईई….. XXX BF और हाइएस्ट मार्क्स ९५ तक आते हैं… मैडम मैं चाहता हूँ कि मेरे भी ९०+ आयें।”“बिल्कुल आ सकते हैं। लेकिन उसके लिये तुम्हें काफ़ी हार्डवर्क करना पड़ेगा… क्या तुम करोगे?”“येस मैडम, मैं हार्डवर्क करूँगा… पर मेरे बेसिक्स ही क्लीयर नहीं हैं और मेरी ग्रामर बहुत वीक है।”“रंजित तुम्हें सबसे पहले अपने बेसिक्स ही स्ट्रॉँग बनाने चाहिए। जिसके बेसिक्स स्ट्रॉँग नहीं उसे कुछ भी नहीं आता।”“मैडम तो बेसिक्स स्ट्राँग कैसे होंगे।”“उम्म… मैं तुम्हें बेसिक्स स्ट्राँग करने में हेल्प करूँगी।”“येस मैडम… आप मुझे कुछ दिनों के लिये कोचिंग दे दिजिए।”“तुम कल से सुबह मेरे पास आ जाया करो।”“ओके मैडम।”“कॉफी तो पियो… ठंडी हो रही है।”“येस मैडम। मैडम आपकी फैमिली में कौन-कौन है?”“मैं, मेरे हसबैंड और एक बेटी और एक बेटा।”“मैडम… कहाँ हैं सब… कोई दिख नहीं रहा।”“बच्चे तो अपनी नानी के यहाँ छुट्टियाँ बिताने गये हैं। एकचुअली मैं भी वहाँ से कल ही आयी हूँ पर

गर्मी की भीगी रातों में मेरी माँ का उत्तेजक सफर

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