यह एहसास ही मेरे लिए अनोखा था उसने मेरी चूत को नंगा कर दिया था.अब वो चूत के साथ शरारत भी करेगा. वैसे तुम ईमानदारी से बताओ कि तुम्हे मज़ा आया या नहीं?” उसकी बात सुनकर मैं चुप हो गयी और चुपचाप अपने कपड़े पहनती रही. BF XXX वो मेरे मूह में धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. मगर टाँग उसके कंधे पर होने से उसका चेहरा मेरे निपल तक पहुँच पाना एक प्रकार से नामुमकिन ही था. मेरी हालत तो ऐसी हो चुकी थी कि अगर उसने लंड जल्दी अंदर नहीं किया तो शायद मैं पागल हो जाऊं. मैं सिसकारी लेकर बोली, “घुसाओ जल्दी से………. सो उसने और भी तेज़ी से चूसना शुरू किया साथ ही चूत के सुराख के अंदर जीभ घुसा कर गुदगुदाने लगा. मुझसे बर्दास्त नहीं हो पा रहा है. खुद ही शांत हो गयी और धीरे धीरे मैं अपने बदन को ढीला छ्चोड़ने लगी. कारण मुझे चूचियों का दब्वाया जाना अच्छा लग रहा था. वैसे तो मम्मी मुझे ड्राइव करने से मना करती थी, मगर मैं अक्सर ड्राइवर को घूमने के लिए भेज देती और खुद ही कार लेकर सैर करने निकल जाती थी.स्कूल में पढ़ने वाला एक लड़का मेरा दोस्त था. पहले धीरे और उसके उसने धक्को की गति तेज़ कर दी. जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. उसने एका एक मुझे धक्का दे कर गिरा दिया और मेरी जीन्स खोलने लगा















