उ उ उ…” की आवाज के साथ उछल उछल कर चुदवा रही थी। वो भी ज्यादा देर तक अब नहीं रुक सकता था। उसने अपना माल निकाल कर मेरी चूत में झड़ने को कहने लगा। सारा माल मेरी चूत में डाल कर मुझे माँ बनाने की तैयारी करने लगा। मुझे नीचे उतार कर उसने बिस्तर पर मेरे साथ खूब मजा लिया। दोनों आगे पीछे लेट कर रात भर मुझे परेशान करते रहते हैं। जब भी रात में किसी का लंड खड़ा होता है मेरा काम लगा देता है।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- हा हा हा…” की सिसकारी भरने लगी।राकेश ने वो भी बंद करवा दिया। उसने अपना होठ मेरे होंठ से लगाकर पीने लगा। मेरी नाजुक नर्म होंठो को वो बहुत कम ही चूसता था। लेकिन आज वो ये भी कर रहा था। दोनों मुझे दुगनी स्पीड से गर्म कर रहे थे। मुझे नही पता था कि दोनों को सहने में बहुत ही मुश्किल होगीं।एक एक करके मेरा काम लगाना शुरू किया। राकेश ने मेरी चूत में अंदर तक जीभ डालकर चाट रहा था। वो मेरी चूत के दाने को काट काट कर मुझे तड़पा रहा था। मैं “अई… अई….















