हा हा हा..ओ हो हो…..” कर रहा था।मुझ जैसी खूबसूरत औरत के रसीले होठ से लंड चुस्वाने का सौभाग्य आज उसको मिल रहा था। ये बहुत ही बड़ी बात थी।फिर मैंने अपने मुंह से उसका लौड़ा निकाल दिया। मेरे मुंह में २ ४ चम्मच माल छूट गया था। मैं पी गयी। मुझे मजा आ रहा था। मैं मनीष के लंड से खेलने लगी। अपने चेहरे पर लंड से प्यार भरी थपकी लेने लगी। मनीष के 9” इंची लंड तो मेरे चेहरे के जितना लम्बा था। वो अपने रसीले लौड़े से मेरे चेहरे की लम्बाई नाप सकते था।फिर मनीष भी अपने मोटे लौड़े से मेरे चेहरे को मारने लगे। मैं उसकी गोलियां चूसने लगी। आज तो मैं किसी रंडी छिनाल की तरह बर्ताव कर रही थी। मैं ४० मिनट तक मनीष का रसीला लंड चूसा। उसके बाद उसने मुझे कुतिया बना दिया। फिर मनीष जोर जोर से मेरी बुर में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी मेरी चूत फेटने लगा। मेरी चूत बड़ी पनीली हो गयी थी, क्यूंकि मनीष उसको जल्दी जल्दी फेट जो रहा था।कमरे में मेरी चूत को फेटने की पनीली फच फच करती आवाज आ रही थी जैसे कोई पानी में चीनी घोलकर शरबत बना रहा है। मैं ये सब बर्दास्त नही कर पा रही थी। मैं जल्द से जल्द चुदवाना चाहती थी। “…उई..उई..उई….
गर्म और बेहद अश्लील गुदा सेक्स का संग्रह
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