गरम भारतीय माँ का गोलमटोल सेक्सी पिछवाड़ा और उसकी मालिश

अगर तुम बताना चाहो तो।” उन्‍होंने बिल्‍कुल शान्‍त स्‍वभाव से पूछा।मैंने उनको सारी बात बता दी।तो अभिषेक बोले, “तुम्‍हारा पहला फर्ज पति का साथ देना है, तुम उनके जाने की तैयारी करो। जब वो चले जायेंगे 7 बजे तब मुझसे बात करना मेरी ट्रेन रात को 11 बजे की है।” मैंने कहा, “पर 7 बजे अंधेरा हो जाता है मैं घर से उस समय नहीं निकल पाऊँगी।”“अरे यार, तुम टैंशन मत लो। मैं कब तुमको बाहर निकलने को बोल रहा हूँ। मैं तो सिर्फ फोन पर बात करने को बोल रहा हूँ। अभी तुम अपने पति पर ध्‍यान दो।” बोलकर अभिषेक ने ही फोन काट दिया।सच में अभिषेक कितने अच्‍छे, मैच्‍योर और कोआपरेटिव इंसान, हैं ना। मैं सोचने लगी… और चाय बनाने चली गई। तब तक बच्‍चे भी वापस आ गये और सचिन भी। मैंने सभी को चाय ब्रैड खिलाकर जल्‍दी जल्‍दी खाना बनाने की तैयारी शुरू कर दी। और सचिन अपनी पैकिंग करने लगे।समय कैसे बीत गया पता ही नहीं चला। मैंने सचिन के लिये रात का खाना पैक कर दिया। सात बजे सचिन ने अपना बैग उठाया और चलने लगे। मैंने सचिन को विदा किया और बच्‍चों की तरफ देखा दोनों ही टीवी में व्‍यस्‍त थे। मैंने दूसरे कमरे में जाकर तुरन्‍त अभिषेक को फोन किया।उधर से अभिषेक की आवाज आई, “हैल्‍लो, हो गई क्‍या फ्री?”“हाँ जी, फ्री सी ही

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