तो वो मान गयी। वो मेरे लिए खाना बनती थी और झाड़ू पोंछा भी लगा देती थी। मेरी वो दोस्त जैसे बन गयी थी। वो मेरे कपड़े भी धो देती थी।मेरी नियत उनके प्रति बुरी नहीं थी पर जब भी वो झुक के पोंछा लगाती उनकी स्तन की दरार देख के मन मचलने लगता। उनके स्तन के पास एक तिल है जो उनके स्तन की खूबसूरती बढ़ा देता था। एक दिन उन्होंने मुझे देखते हुए पकड़ लिया और झट से ढक ली। मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई। पर पता नहीं मेरी नजर हमेशा वह चली ही जाती थी। और मुझे गुड़िया आंटी 3 बार पकड़ चुकी थी।सोचते रहता था रात में सिर्फ उनका तिल मेरे होश उड़ा सकता है तो पूरी नंगी स्तन मुझे तो पागल कर देगी। अंत में भगवान ने मेरी सुन ले और ये हुआ मेरे साथ, मैं सुबह सुबह एक बाथरूम में नहा रहा था और तभी जोर से कुछ गिरने की आवाज़ आई बगल के बाथरूम से.मैं देखना चाहता था तो एक छेद मिल गया जिसमे देखा, गुड़िया आंटी थी और वो पेटीकोट पहनके ब्लाउज पहन रही थी। मैंने उनके स्तनो को देखा उफ़ मैंने आज तक इतने सुन्दर स्तन नहीं देखे थे। कसम से हिलाने से मजबूर कर दिया था उनके स्तनो ने।उसके कुछ घण्टे बाद गुड़िया आंटी आई खाना बनाने और झाड़ू लगाने लगी इस बार















