अब जब भी भाभी जी मेरे सामने होती थी मेरा लंड खड़ा रहता था.और वो दिन आ गया जिसको मैने कभी सपने मे भी नही सोचा था. XXXBF मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा हे?मैं- (गुस्से में) जाने दो आप नही समझोगी इस आगे मे इस तड़प के बारे मे.माँ- (गुस्से में) कैसी तड़प?मैने गुस्से में मा का हाथ पकड़ा और मेरे टाइट लंड पे रखा और-मैं- ये होती हे तड़प. दूसरे दिन मैं कॉलेज गया लेकिन मैं अभी तक उसी बात को सोच रहा था इसलिए मैने मेरे दोस्त को इनडाइरेक्ट्ली पूछा ऐसे सिचुएशन मे क्या करना चाहिए उसने कहा सिर्फ मज़ा लेना चाहिए. फिर मैने धीरे-धीरे माँ की साडी और पेटीकोट को उपर किया और सीधे उनकी पनटी के उपर से उनकी चूत को सहलाने लगा.जैसे हे मैने माँ की चूत पर हाथ रखा मानो उनके बदन मे करेंट लग गया हो. और शायद ये बात भी भाभी जी ने नोटीस की थी पर उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही था.भाभी जी हमेशा साडी पहनी रहती थी और रात को सोते वक्त फुल नाईट ड्रेस पहनती थी. भाभी जी हे वो तुम्हारी, तुम्हारे बड़े भाई की बीवी हे.मैं- (डरते हुए) सॉरी माँ आगे से ऐसा नही होगा.माँ- सिर्फ़ सॉरी कहने से कुछ नही होगा मैं ये बात तुम्हारे पापा से कहने वाली हू, वही फ़ैसला करेंगे.मैं- नही माँ प्लीज़ पापा















