फिर कुछ देर तक मैंने आराम किया. ये देखकर मुझे बहुत निराशा लगी.मैं जब कॉलेज में पढ़ती थी तो सहेलियों साथ ब्लू फ़िल्में देखा करती थी. XXX BF दोस्तों, वो लड़का मुझे दिल लगाकर चोदने लगा. इसलिए दोस्तों, मैं किसी भी प्रकार का बगावत का बिगुल नही बजाया.सब कुछ चुप चाप सहती रही. केवल ४ इंच का पतला सा सुखा सा लंड था पति का. मैंने उसके लौड़े को मुँह में भर लिया और हाथ से फेट फेटकर पीने लगी.‘मेमसा……ब??? उसके लौड़े की खाल सुपाडे ने नीचे उतर गयी थी और काफी पीछे चली गयी थी. आज मैं उतनी जल्दबाजी में नही थी. फिर हरामी घोड़े बेचकर सो जाता था. पतिदेव ने मुस्किल से ४ ५ धक्के मेरी चूत में दिए और झड गए. मेरी आँखों में आंशू आ गये. पुरे बदन में सुख की लहरें दौड़ने लगी. मैंने उसके लौड़े को मुँह में भर लिया और हाथ से फेट फेटकर पीने लगी.‘मेमसा……ब??? अब मेरा दिमाग फिर से नौकर का लंड खाने को बेताब हो गया था.अगले दिन पति सुबह १० बजे फिर से ऑफिस चले गए. ना मैंने आगा देखा ना पीछा.मैं अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया. वो गचा गच करके मुझे चोदने लगा.
नेहा भाभी की गर्म चुदाई की कहानी – हिंदी ऑडियो सेक्स स्टोरी पार्ट 81
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