और इस नौकरी में दूसरे काम का तो बहाना है। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.मैं तो आप लोगों को मुलाजिमत ही अपनी बहू को चोदने की दे रहा हूँ। अब आप लोग सोच लें? अब बोल तू क्या कर सकती है?”मैं अपने आपको छुड़ाती हुई बोली- “मुझे जाने दे कुत्ते, वरना मैं पोलिस बुला लूंगी…”दीनू हँसा और बोला- “यहां कैसे बुलायेगी पोलिस? BFSex मेरी बहू रानी, ये अब तुम्हारा है जो चाहो इसके साथ करो…”मैंने फौरन ही बाबूजी का लण्ड अपने मुँह में ले लिया और मजे से कुल्फी की तरह चूसने लगी। खूब अच्छी तरह बाबूजी का लण्ड चूसा। फिर बाबूजी ने मुझे लिटा दिया और मेरी टांगें मोड़कर मेरे कंधों से लगा दी। इस तरह से मेरी चूत बिल्कुल उनके लण्ड के सामने आ गई। बाबूजी ने अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर रखा तो मैं कहने लगी- “बाबूजी एक ही झटके में अपना पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दीजिए…”बाबूजी ने कहा- “ऐसा ही होगा मेरी जान…” फिर उन्होंने अपनी पूरी ताकत से झटका मारा और उनका लण्ड मेरी चूत को बुरी तरह से फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस गया।मुझे बहुत तकलीफ हुई और मैं ना चाहते हुये भी अपनी चीख नहीं रोक पाई।बाबूजी हँसे- “अरे, तुम तो बिल्कुल कुँवारी लड़की की तरह चीखी हो, क्या तुम्हारा पति धर्मेन्द्र तुम्हें नहीं चोदता?”मैं
नेहा भाभी की गर्म चुदाई की कहानी – पार्ट 70 – हिंदी ऑडियो सेक्स स्टोरी
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