क्या वो दोनों कुछ नहीं कहते?में : जी नहीं, आंटी.मेरे मुहं से यह बात सुनते ही आंटी ने झट से उनका एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया और अब वो उसे सहलाने लगी और धीरे धीरे दबाने लगी.प्रियम्बदा : तुम बिल्कुल भी टेंशन मत लो, मेरी माँ को मैंने सब कुछ पहले ही बता दिया था कि हम दोनों सेक्स करते है और हम दोनों नाटक कर रहे थे, क्योंकि मेरी माँ को तो तुम पहले से ही बहुत पसंद हो और तुम वो पहले लड़के हो जिसको मेरी माँ पसंद करती है और वैसे भी तुम ही मेरे पहले बॉयफ्रेंड हो और मेरे सच्चे प्यार भी. में मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि मुझे आज दो दो चूत की चुदाई का सुख मिलने वाला था, क्योंकि में हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड को तो चोदता ही रहता था, लेकिन अब मुझे उसकी चुदाई में ऐसा मज़ा नहीं आता था.फिर पांच मिनट बाद प्रियम्बदा मेरे मुहं पर बैठी हुई थी और आंटी एक अच्छा मौका देखकर मेरे लंड पर बैठ गयी. XXXBF उसने उसके अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था.फिर मैंने उसे अपने बेग में से एक ब्रा और पेंटी निकालकर दी और उसे पहनने के लिए कहा तो वो पहनकर आई और उसने मुझे दिखाया.















