मैं कुछ नहीं बोली तो उसने गाड़ी एक किनारे लगाई औरमोना से बोला- तुम भावेश के पास बैठो और यामिनी, तुम मेरे पास आओ।मैंने भावेश की तरफ देखा और उतर कर मैंने और मोना ने अपनी जगह बदल ली। मेरे लिये ये सब अजीब सा था और हिम्मत भी नहीं पड़ रही थी। तभी निसंकोच रूप से अजीत ने अपना हाथ को मेरी चूत पर रख दिया और सहलाते हुये पूछा- डार्लिंग, अब तक केवल भावेश से ही चुदवाई करवाई है या किसी और से भी?मैं चुप रही तो अजीत, जिसका हाथ मेरी चूत को ही सहला रहा था, फिर बोला- यामिनी शर्म करने से कुछ नहीं होगा, पीछे देखो मोना ने भावेश के लंड को अपने हाथ में लिया है और चूस रही है, और भावेश मोना की चूत सहला रहा है।दोनों अपने में मस्त मशगूल थे। मोना के लगभग कपड़े उतर ही चुके थे वो केवल पैन्टी में ही थी और भावेश के लंड पर झुकी हुई थी। मेरी नजर उन दोनों पर जब हटी जब मुझे एहसास हुआ कि मेरा हाथ जीन्स के ऊपर अजीत के लंड पर है।इतने ही पल में अजीत ने अपने लंड को अपने जींस से बाहर निकाल लिया और मेरे हाथ को लेजाकर उस पर टिका दिया। करीब आधे घंटे के बाद अजीत का बंगला आ गया। अपनी गाड़ी को पोर्च में खड़ी करके
कुर्सी पर जमकर चोदाई
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