तुम अन्दर कैसे आये?”मुझे एकदम से तो गुस्सा आया पर साथ ही मन में एक डर भी समा गया। “कुछ नहीं मैडम, बस आपको नहाते हुए सामने से देखना चाहता था।” “दिमाग ख़राब हो गया है क्या? बोलो न?” “ठीक है ! XXXBF बाहर जाओ फ़ौरन…जाओ।” मैं एकदम से ऐसे घबरा सी गई थी कि खुद को समेटने के लिए घुटनों के बल बैठ गई थी, अपना सीना हाथों से छुपाये थी और टांगें चिपका ली थीं कि चूत न दिखे।“कोई बात नहीं मैडम, मैं किसी को बताऊँगा थोड़े ही, आप नहाओ न।” वो मेरे पास आ कर बैठ गया और मेरे कंधे पकड़ लिए। “मैं साहब को बता दूँगी, जाओ यहाँ से।” बेबसी से मेरी आँखों में आँसू आ गए। पर वह नहीं गया और मेरे अपने वक्षों को ढके हाथ हटाने के लिए जोर लगाने लगा।मैंने उसे हाथ खोल कर उसे दूर धकेलने की कोशिश की, मगर वो मुझसे ज्यादा ताक़तवर था, नहीं हटा बल्कि फिर मेरी कलाइयाँ पकड़ कर ऐसा जोर लगाया कि मैं बाथरूम के गीले फर्श पर फैल गई। मेरी समझ में नहीं आ रह था कि मैं कैसे खुद को बचाऊँ। “मुझे छोड़ दो…प्लीज़ !” “हाँ मैडम, छोड़ दूँगा, आप डरो नहीं, कुछ नहीं होगा… मैं अभी चला जाऊँगा।”वह मुझ पर छाता चला गया। उसने मेरे ऊपर लदते हुए मेरे हाथ ऊपर करते हुए, एक हाथ से
नेहा भाभी की गर्म कहानी – पार्ट 83 – मजेदार चुदाई का ऑडियो सेक्स स्टोरी
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