दिनभर चुदाई का मजा, 40 चरम सुख तक, सातवाँ भाग

ओ हो हो….” करने लगा। उसे आज बहुत मजा मिल रहा था। कमीना रोज मुझसे मुठ मरवाता था पर आज मेरी बेटी से वो सब गंदे काम करवा रहा था।मैं ये सब देखकर बहुत गुस्साई थी। कुछ देर में शनाया सब समझ गयी और सीधे हाथ से जल्दी जल्दी जोगिन्दर के बड़े शानदार लंड को फेटने लगी। फिर जल्दी जल्दी चूसने लगी। शनाया अब सब कुछ सीख गयी थी। वो मस्ती से लंड के सुपारे को चाट रही थी। मुंह में अंदर तक लेकर जोगिन्दर का मजबूत लंड चूस रही थी।“….ऊँ—ऊँ… ऊँ सी सी सी… करो शनाया बेटी!! BF XXX प्लीस जोगिन्दर ऐसा मत करो!!” मैं कहने लगी.चट्ट से उसने एक चांटा मेरे गाल पर जड़ दिया। मेरे आँखों के सामने अँधेरा छा गया। मेरी बत्तीसी हिल गयी।“साली रांड!! अई… अई.. मेरी पेंट तुम खोलो। तुम्हारे लिए सरप्राईज है” जोगिन्दर बोला.मैंने तो अपनी आँखों को हाथ से ढक लिया। अब वो उससे लंड चुसाने जा रहा था। ये सब देखने से पहले मैं मर क्यों नही गयी।“क्या सच में अंकल???” शनाया कहने लगी.“हाँ बेटी!!” जोगिन्दर बोला.शनाया ने उसकी जींस पेंट खोली और उतार दी। जोगिन्दर का 10 इंच का बेहद मजबूर और लम्बा लंड उसकी चड्डी में उफान मार रहा था।“अब बेटी!! अई.. अब इन्तजार नही होता” शनाया किसी बिच की तरह कहने लगी.उसी वक्त जोगिन्दर उसके पीछे किसी कुत्ते की तरह लग गया

दिनभर चुदाई का मजा, 40 चरम सुख तक, सातवाँ भाग

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