शाम को पापा आये, हस्ते हुए माँ से पूछा सब ठीक रहा, माँ चुचाप रसोई में चली गई और खाना बनाने लगी, पापा को जवाव दिए बिना. XXX Hindi जब वो निशान पापा देखे तो खुश हुए थे बोले थे लगता है सब कुछ अछा रहा, है ना आशा, माँ ने घूरते हुए नजरों से देखि, और बोली हां जब तूने मुझे दलदल में डाल ही दिया तो करें भी तो क्या.मैं बड़ी हो चुकी थी, अब सब बात और भी साफ़ साफ़ समझने लगी थी, जब पापा ऑफिस में होते तो चंद्रकांत अंकल फ़ोन आता था माँ के मोबाइल पे, पर माँ भी उस फ़ोन को उठाने से हिचकिचाती थी, मैं कई बार पापा को बोली की पापा “क्या आपके दोस्त का फ़ोन आते रहता है माँ परेशान हो जाती है आप मना क्यों नहीं करते है.”मैं कुछ साफ़ साफ़ बोल भी नहीं सकती थी, वो बड़े प्यार से मुझे समझा देते थे, और कहते थे की मैं बोल दूंगा की फ़ोन नहीं करने के लिए. अब क्या बताऊँ दोस्तों मुझे समझ अभी तक नहीं आया है की क्या रिश्ता है, ये थर्ड पर्सन क्यों है इन दोनों के ज़िंदगी में, आखिर क्या मजबूरी है, प्लीज मुझे हेल्प करें, बताएं.अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-
प्यारी सौतेली बहन ने मुझे चुदने के लिए बुलाया, भारतीय गर्म लड़की का Xxx वीडियो हिंदी में
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