अब तुम भी ठीक-ठाक कर मजे लोगे।भैया: सोना आओ मेरे ऊपर याद रखो चाहे चाकू खरबूजे पर गिरे या खरबूजा चाकू पर दर्द हमेशा खरबूजे को ही होगा।मैं मुस्कुरा कर अपने पतिदेव की मोटे-मोटे गधे जैसे लंड अपनी चूत के छेद पर लगाकर धीरे-धीरे नीचे बैठ गई अब वह पूरा मेरे अंदर घुस चुका था मुझे मेरे पेट से ऊपर सीने में महसूस हो रहा था अब मैं छल-छल का भैया को छोड़ रही थी.भैया: आ आ आ आ आ आह उफ़ जानूं कितना मजा आ रहा है तुम उछल-उछल कर चुदवा रही हो आ आ आ आ आ आह उफ़ वाओ।मैं भी 50 साथ धक्कों में थक गई और भैया के ऊपर लेट गई मैं भैया की निप्पल को चूमने लगी और उसको अपने मुंह में भर लिया जैसे भैया मेरा दूध कस कस कर पी रहे थे मैं भी भैया का दूध पीने लगी भैया को बड़ा मजा आ रहा था वो आ आ आ आ आ आह उफ़ करने लगे.कभी मैंने भैया की चूची को अपने दांतों से काटा भइया चीख पड़े आ आह उफ़ मार डाला रे आराम से करो बेबी मैं बोली और जोर से चीखों मजा आ रहा है ना इस दर्द में जिस तरह से मुझे दर्द देकर कह रहे थे कि मजा आएगा मजा आएगा अब आप भी ठीक-ठाक कर मजे लो क्या करते










