तुम्हें दर्द का अहसास भी न होगा!अब मैंने उसकी पेंटी को निकाल दिया और 69 की अवस्था में आकर उसकी चुत को देखने लगा। चुत एकदम गोरी थी उस पर चावल के दाने जितने लम्बे बाल थे, शायद 6-7 दिन पहले ही बनाये होंगे, ज्यादे घने नहीं थे सो गोरी खाल पर बड़े ही सुन्दर दिख रहे थे।चुत पर दाना बाहर को निकलता हुआ दिख रहा था, नीचे की फांकें ऐसे लग रही थी जैसे रस में सराबोर मुरब्बा हो! BFSex इस बात का दूसरा सबूत भी मेरे पास है।बोली- क्या सबूत है?मैंने कहा- वो तो अब सबके सामने ही बताऊँगा!तो बोली- बताओ क्या सबूत है?मैंने कहा- इस नोट को निकालो!उसने नोट निकाला।मैंने कहा- इसका नंबर पढ़ो! मैं उदित आपके समक्ष हाजिर हूँ! मैं दूध दबाते हुए चूसने लगा, दो मिनट बाद मैंने एक जोर का झटका लगाया तो लंड जड़ तक चला गया।अबकी बार पूजा दर्द को बर्दाश्त करके बोली- इतना मोटा विवेक का नहीं है, इसलिए जरा सा दर्द हो रहा है।मैंने कहा- जानेमन, तुम्हारी चुत इतनी भी नाजुक नहीं है, यह तो इससे दोगुना मोटा लंड भी निगल सकती है।अब उसका दर्द ख़त्म हो गया और गांड को उचकाने लगी। मैंने भी अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया, साथ ही चुचूक को, जो पहले ज्यादा तनकर कड़क हो गए थे, मुँह में लेकर चूस रहा था। उसकी सीत्कार तेज, और तेज















