पर मेरे पति को कोई फर्क ही नहीं पड़ा। जिनका लिंग मेरे लिए हमेशा मुरझाया हुआ रहता था.. BFSex मेरी भी हालत ऐसी ही होने लगी।एक रात को सपने देखते-देखते मैं अपनी योनि को सहलाने लगी और थोड़ी ही देर में मेरी योनि भट्टी की तरह गर्म हो गई। मैंने क्रमशः एक, फिर दूसरी उंगली योनि में डाल ली, पर मेरी वासना शांत होने के बजाए और भड़क उठी।अब मुझे जेठानी की बातें याद आने लगीं, फिर मैं चुपके से रसोई में जाकर एक गाजर उठा आई, पहले तो गाजर को थूक से गीला किया और योनि के ऊपर रगड़ने लगी। इसी के साथ मैं अपने दूसरे हाथ से अपने उरोज को सहला रही थी।अब मेरी योनि लिंग मांग रही थी, तो मैंने गाजर के मोटे भाग को योनि के अन्दर प्रवेश कराना चाहा, जो तीन इंच मोटा होगा, उसकी लंबाई भी बहुत थी.. मुझे ये सब बातें बकवास लगीं.. कभी पति रौंद जाते, तो कभी जेठ बिस्तर पर पटक जाते थे.पर मैंने एक बात पर गौर किया कि पहले वो लोग मुझे हफ्ते में एक-दो बार रगड़ ही देते थे और फिर महीने में एक बार हुआ.. मुझे ये सब बातें बकवास लगीं..















