कल छुट्टी है हम दोनों की और मेरी मनपसंद मूवी आ रही है… प्लीज देखने दो ना..’‘ठीक है पर ध्यान से टीवी बंद करके सो जाना… कभी पिछली बार की तरह टीवी खुला ही छोड़ कर सो जाओ!’‘आप चिंता ना करो.. मैंने ऐसा क्या किया?’‘आपने मेरी वो दबा दी…’ वो थोड़ा शर्माते हुए बोली।उसके चेहरे की मुस्कान बयाँ कर रही थी कि आग ना सही पर चिंगारी तो उधर भी है।‘अरे… वो क्या… कुछ बताओगी मुझे?’‘छोड़ो… मुझे शर्म आती है।’‘अब बता भी दो जल्दी.. BFSex पक्का!’‘ओके गुड नाईट बेटा’ कह कर नरेन्द्र भाई अपने कमरे में चले गये और उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया।नरेन्द्र भाई के जाते ही मेरा मन सृष्टि के पास बैठने का हुआ तो मैं भी कमरे से निकल कर सृष्टि के पास बैठ गया। मेरे और सृष्टि के बीच में अरुण बैठा था। सृष्टि ने मेरी तरफ देखा और फिर शर्मा कर अपनी आँखें झुका ली। उसकी आँखे झुकाने की अदा ने सीधा मेरे दिल पर असर किया।सृष्टि और अरुण सोफे पर बैठे थे, ‘कहो ना प्यार है’ मूवी चल रही थी।मेरे आने के बाद से सृष्टि मूवी कम और मुझे ज्यादा देख रही थी। कुछ कुछ यही हालत मेरी भी थी, हम दोनों के दिलो की धड़कन बढ़ चुकी थी पर अरुण के वहाँ रहते चुपचाप बैठे थे। ‘यार ये लाइट बंद कर दो ना… ऐसे टीवी देखने















