ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई.. XXXBF अई..अई….अई..मम्मी…” करके तडपने लगी। कहाँ आया था उसका एमएससी में नाम लिखवाने और कहाँ उसकी मस्त मस्त गोरी चूचियां पीने को मिल गयी।धीरे धीरे हम नन्ददोई और सरहज में अच्छा तालमेल बैठ गया और मैं मजे लेकर अपनी सरहज के बड़े बड़े चुचचे पीने लगा। मेरी बीबी माया के दूध तो बहुत ही छोटे है। मजा तो तब ही आता है जब बड़े बड़े मुसम्मी जैसे दूध पीने को मिले। भाई मजा तो तब ही आता है।मैं भी मौके पर चौका मारने लगा और पुनम के मस्त मस्त उफनते दूध मैं मुंह में लेकर चूसने लगा। मेरी नियत अब तो पूरी तरह से खराब हो चुकी थी। अब तो चाहे किसी का कत्ल ही क्यूँ ना करना पड़ जाए, पर आज पुनम की बुर जरुर चोदूंगा, मैं फैसला कर लिया।मैंने ३० मिनट तक पुनम की बड़ी बड़ी मुसम्मी मुंह में लेकर चुसी और जन्नत का मजा लिया। फिर मैंने उसकी पिली रंग की साड़ी उपर उठा दी। उसको गोरी गोरी चिकनी संगमरमर जैसे जांघे देखने को मिल गयी थी। मैं किसी पागल चूत के प्यासे आशिक की तरह अपनी सरहज पुनम के घुटने और जांघ को चूमने लगा।इतनी चिकनी और दूध जैसी जाघे थी की मेरा तो होश ही उड़ गया था। उपर वाले ने मेरी सरहज को बड़ी फुर्सत में बनाया था। मैं बड़ी देर तक उसकी गोरी















