उ उ उ…” बोल बोलकर मैं कराह रही थी। मुझे अच्छा लग रहा था। मुझे मजा आ रहा था। आज मैं अपने जिस्म की भूख शशांक से चुदवाकर मिटाने वाली थी।शशांक मेरे दोनों बूब्स को बड़ी मेहनत से चूस रहा था। मेरी चूचियों की निपल्स अब खड़ी होकर कड़ी कड़ी हो गयी थी। मेरी नंगी पीठ, कन्धो और हाथो को भी शशांक चूम रहा था और किस कर रहा था। वो मेरी नंगी पीठ को सहला रहा था और उसने मुझे करवट करके अपनी बाहों में ले रखा था।मेरे बूब्स की निपल्स को वो दांत से काट रहा था। मुझे अजीब सा नशा चढ़ रहा था। जब वो मेरे ३४” के आम चूस चुका तो मैंने देखा की कई जहग उसके दांत के निशान मेरे मम्मो पर पड़ गये थे। पर मुझे इसमें मजा बहुत आया।फिर शशांक मेरे कॉलेज की ड्रेस वाला नारा खोलने लगा और उसने मेरी सफ़ेद सलवार निकाल दी। मैंने अंदर सफ़ेद रंग की पेंटी पहन रखी थी। शशांक ने वो भी खीचकर निकाल दी। मुझे शर्म भी आ रही थी। आज वो मेरी रसीली चूत की सिटी खोलकर मुझे चोदने वाला था।मैंने शर्म से पिघल रही थी और पानी पानी हुई जा रही थी। शशांक ने मेरी दोनों टांगो को खोल दिया और मेरी चिकनी चमेली चूत को चाटने लगा। मैं मधहोश होने लगी। मुझे बड़ा अजीब सा















