रुको, मैं भी साथ चलूँगी। नहीं तो आप भी मत जाओ।”“ठीक है, भाई चलो मेरे साथ। देखना तो पड़ेगा ना कौन है।” और हम दरवाज़े की तरफ़ चल दिए। 5 मिनट बाद मैंने दरवाज़ा खोला और थोड़े से हिस्से में से बाहर देखने लगा। कोई नहीं था। मैं डर गया। रात को 12 बजे कौन आते हैं? मैंने फोन की टॉर्च जलाई और देखा कि मेरी बहन वाकई बहुत खूबसूरत है। पर मैंने एक रुमाल लपेटा और कमरे से बाहर आने लगा, तो वो कहती है, “मुझे छोड़कर कहाँ जा रहे हो? BFSex मुझे डर लगता है। आप चलो ना, प्लीज़ भैया, भैया प्लीज़, भैया चलो ना यार। बहुत ज़ोर से बाथरूम लग रहा है। प्लीज़ ना।”यह सब सुनकर और बहन के ज़्यादा ज़ोर देने पर मैं मेरी बहन के साथ ही बाथरूम में चला गया। अब मेरी बहन बाथरूम की कमोड पर बैठकर मेरे सामने ही बाथरूम करने लगी। उसके मूतने की आवाज़ खाली अंधेरे कमरे में गूँज रही थी। मैंने थोड़ा सा उजाला अपने फोन की टॉर्च से किया हुआ था, जिसमें मेरी बहन का बदन उस फोन की रौशनी में चमक रहा था।उसका फिगर और चूत देखकर मेरा लौड़ा फिर खड़ा हो गया और बहुत ज़ोर-ज़ोर से उछलने लगा। ये देखकर मेरी मासूम बहन को लगा कि मुझे भी बाथरूम लग रहा है। तो वो कमोड से उठी और कहती















