भाभी सुन्दर गोरी मस्त लड़की थी अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ था। मदन भैया पतला दुबला काला से लड़का। और भाभी जस्ट अपोजिट। हॉट और सेक्सी लड़की जो की किसी भी लड़के को पागल कर दे ऐसी सुन्दर।जब मैं शाम को छत पर जाता तो बगल वाले छत पर भाभी होती जो को अपने मायके वाले से बात करते रहती थी। छत पर घूम घूम कर। वो जीन्स पहनती थी। कट बाँह का टॉप पहनती तो और भी सेक्सी और हॉट लगती। शहर की लड़की जब गाँव में आ जाये तो आप खुद ही सोचिये। ऐसा लगता है की चाँद पर से अप्सरा घरती पर आ गयी.धीरे धीरे मेरी बात चीत होने लगी। वो मेरे से बात करने लगी पर मेरा ध्यान उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल और टाइट चूचियों पर होती और उनके जांघ पर होती तो गांड पर होती। उनका अंग अंग उनके कपडे से दिखाई देता था की कौन सा अंग कैसा होगा और उभार कैसा होगा।एक दिन की बात है भैया अपने मम्मी पापा के साथ अपने रिस्तेदार के यहाँ गए। तो भाभी जाने के मना कर दी तो अकेले ही यहाँ रह गयी। भइया और उनके पापा मम्मी मुझे बोल कर गए की ध्यान रखना भाभी घर पर है। कल बारह बजे दिन तक आ जाऊंगा। मैं ख़ुशी से झूम उठा मुझे मौक़ा मिल गया था















