दबाओ और दबाओ जान!!” वो कसक कर कहने लगी.उसके बाद मेरी चुदास बढती चली गयी। जैसे घरो में औरते आटा गूथती है, वैसे ही मैं भी गूथने लगा। वो कराहने लगी। जैसे दूधवाला भैस की छाती को दबा दबाकर दूध निकालता है वैसे ही मैं अपने चाचा की लड़की के दूध से रस निकालने लगा। वो पछाड़ खाने लगी। बिस्तर पर हिलने लगी और कुलांचे मारने लगी।“हेमंत भैया!! ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। तृप्ति के चेहरा बड़ा खूबसूरत छवि वाला था।उसे देख देखकर मैं कई मिनट उसकी तनी चूची की पिटाई कर डाली। उसके दूध को हाथ में लेकर पकड़ा और निपल्स पर लंड के सुपाडे से चोट करने लगा। वो सुसुआने लगी। मैं उसकी चूची की खूब पिटाई कर डाली। अब दोनों दूध के बीच में अपने 8 इंच के लंड महाराज को रखा और दोनों दूध को कसके पकड़कर उसके आमो को चोदने लगा।“चोद डालो हेमंत भैया!! BFSex हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. तुझे चोदने का दिल कर रहा है” मैंने कहा.“अपनी चचेरी बहन को चोदोगे???” वो लेटे हुए ही बोली.“अगर चेचेरी बहन तेरी जैसी माल होगी तो जरुर चोदूंगा” मैं बोला.फिर वो भी हंसने लगी। दोस्तों मेरा जुगाड़ काम कर गया। मैं उसके करीब जाकर लेट गया और तृप्ति की ठुड्डी को पकड़कर उनके मुंह पर अपना मुंह लगा दिया। फिर उसके रस से भरे लब चूसने लगा। वो भी मुझे चूसने















