एक सेलरी उसे पति की बेंक अकाउंट से मिलती हे हो पहले जितनी हे. XXX BF हॉस्पिटल में भी मुझे घर का नोकर धीरू ले के गया. और बाकि की सेलरी मैं अपनी खर्चे से उसे देती हूँ जो उसकी तीन महीने की सेलरी जितनी हे. फिर आपका ध्यान भी तो रखना हे. मैंने सोच लिया की आज तो कुछ भी कर के धीरू के साथ मिल के अपनी प्यास को दूर करवा लुंगी!रात में वो कमरे में आया और बोला, मेडम खाना रेडी हे आप के लिए टेबल पर निकालूं?मैंने कहा, एक काम करते हे न.वो बोला, क्या भाभी?मैंने कहा, मेरे पैरो में बहुत ही दर्द सा हो रहा हे इसलिए खाने के मूड नहीं हे. मैंने अपने गाउन को ऊपर कर के अपनी चिकनी जांघे उसके सामने खोल दी और कहा, आ जाओ मुझे मालिश करके मेरे दर्द को दूर कर दो.धीरू ने मुझे देखा और बोला, जी भाभी जी और वो मेरे पास बैठ के सरसों का तेल मेरे पैरो के ऊपर लगाने लगा. मुझे एक पल के लिए लगा की हम दोनों एक ही कश्ती के सवार थे और उस वक्त मुझे एक नंगा विचार आया की क्यूँ न हम दोनों मिल के एक दुसरे की इस तडप को दूर कर ले!और उस दिन मेरी निगाहें अपने इस नोकर के लिए बदल सी गई.















