भारतीय आंटी की गर्म कहानी

वो अक्षत के सीने से चिपक गई और गाँड़ आगे पीछे करने लगी। अक्षत भी लन्ड अंदर बाहर कर रहा था।अक्षत – हाँ मामी मैं भी झड़ने वाला हूं। मामी, आह मामी।दोनों के बदन काँपने लगे। दोनो ने एक दूसरे को कस के दबोच लिया। शरीर में कुछ झटके लगे औऱ फिर कमरे में तूफान के बाद वाली शांति हो गई। अक्षत का माल रागिनी की चूत से निकल रहा था। दोनो एक दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे।अपने दोस्तों के साथ शेयर करे- सबने खाना खाया और अपने कमरों में आ गए। अक्षत मामी का इंतजार करने लगा। मगर मामी नहीं आई , अगले दिन दूसरा शनिवार था और दिनेश की छुटी थी अब शनिवार और रविवार को दिनेश घर मे ही था।अक्षत जवान लड़का था मामी ने उसकी चिंगारी भड़का दी थी, जिसको वो बुझा नहीं रही थी। शनिवार की रात को कुछ नहीं हुआ फिर रविवार की रात आई। अक्षत इंतज़ार में था रात के बारह बजने वाले थे ,पूरा सन्नाटा था बस पंखे की और घड़ी की टिकटिक सुनाई दे रही थी।अब अक्षत का सब्र जवाब दे रहा था। उसने कुछ निश्चय किया और अपने कमरे से निकलकर मामा मामी के कमरे की ओर चल पड़ा। बैडरूम का कमरा ढका हुआ था। अंदर से खर्राटे की आवाज आ रही थी। अक्षत ने धीरे से दरवाजा खोला , अंदर

भारतीय आंटी की गर्म कहानी

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