इससे दीदी की सांसें और तेज होती जा रही थीं. तब मैं दीदी के पास जाकर उनको चैक करता था… उनके मम्मे खुले पड़े रहते थे.चार दिन लगातार जाने के बाद मेरा मन भी हुआ कि दीदी की चूची को छूकर देखूं. XXXBF उस रात मैंने धीरे से अपना हाथ दीदी के मम्मे से लगा कर उसे सहलाया तो मुझे बड़ा मजा आया. इसी समय मैंने अपने एक हाथ की दो उंगलियां उनकी गांड में डाल दीं. इससे दीदी की सांसें और तेज होती जा रही थीं. मेरी कोई अपनी बहन नहीं थी… और हां मेरे बड़े पापा भी नहीं थे.मैं अभी वहां बिल्कुल नया था. मेरी बड़ी दीदी भी नर्स थीं. हम कुल मिलाकर उस घर में 9 सदस्य थे. मेरी बड़ी दीदी गर्भ से थीं, बाद में उन्होंने को एक बेटी ने जन्म दिया था. दीदी भी बेसुध सो रही थीं. दीदी की चूत एकदम ऐसी साफ थी, जैसे पोर्नस्टार्स के छेद एकदम चिकने होते हैं. दीदी तो लंड लेते ही मानो आपे से बाहर हो गईं, वो दर्द से तड़फ उठीं और बिस्तर की चादर को जोर से पकड़ने लगीं.मैं समझ गया कि बेबी पैदा होने के बाद दीदी की चुत को लंड नहीं मिला है.















