गर्म-गर्म वीर्य के अहसास से उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया। अब दोनों शान्त पड़ गए.. उसकी चूत देख कर मेरा तो दिमाग़ घूम गया। पुरानी याद ताज़ा हो गई.. XXX BF सर आपका लौड़ा कितना मोटा और बड़ा है.. तुमने किसी लड़के को पेशाब करते देखा है?श्रेष्ठा- छी छी.. एस या गाण्ड है.. बस ये सोच कर हँसी आ गई कि तुम किस दुनिया से आई हो जो इतनी भोली हो.. आज तो काफ़ी दिनों बाद ऐसी मस्त चुदाई की तुमने.. फक मी हार्ड…’ कुछ समझी बुद्धू.. ये नखरे! दीदी ये आप क्या कर रही हो.. इसे चूसना चाहती हूँ.. बोल क्या बोलती है।श्रेष्ठा- दीदी आहह.. आह्ह.. भूल जा उसको.. किसी से कुछ सुना होगा… वो बताओ।श्रेष्ठा- ये सेक्स क्या होता है दीदी.. तुम बहुत अच्छी लड़की हो.. ऐसी बातें किसी को बताई नहीं जाती और मनीष तो बहुत सीधा आदमी है.. प्लीज़ प्लीज़…दोस्तो, यह है श्रेष्ठा सिंह.. और कल शाम को आ जाना.. वो.. मस्ती का वक्त आ गया है।श्रेष्ठा- आप भी निकालो.. अब बताओ तुम्हारी प्राब्लम क्या है और देखो किसी भी तरह की झिझक मत रखना.. जाओ आज तुमको भी कच्ची चूत का रस पीने को मिल जाएगा हा हा हा हा।तनुजा- धीरे हँसो.. श्रेष्ठा एकदम गर्म हो गई थी।श्रेष्ठा- अया ऐइ उफ़फ्फ़.. देख मेरा इरादा तेरा मजाक उड़ाने का नहीं था.. आ जाओ ना।तनुजा- अच्छा तुझे चाटने से















