मैं वहां अकेली रह गयी. वो फिर से आवाज़ करने लगी आआआआ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह, धीरे…… मैंने ऐसी ख़ुशी कभी नहीं सोची थी. BF XXX मैं पल्लवी के पास जाके उसके टी-शर्ट के अंदर हाथ दाल के उसके ब्रेस्ट को मिसलना सुरु किया.हाथो में लेके उन्हें दबाती रही. फिर उसके चूत पे अपने मुँह लेके रगड़ी. हम उठे और एक साथ टॉयलेट में जाके अपने आप को साफ़ किया और फिर कमरे में लौटे. जो लम्बी कद काठी की हो (५ फ़ीट ६ के करीब) पतली हो गोरी हो जिसके स्तनों की आकर छोटी हो जो ले तो मुँह में भर जाए और छाती से मुँह सट जाये. मुझसे दोस्ती करोगी?”वह दुविधा में पड़ गयी थी शायद यही सोचती होगी के दोस्ती करने के बाद मैं उसके साथ क्या करुँगी. उसने मेरी नाईट सूट की शर्ट को खोल दी और मेरी राइट ब्रैस्ट को अपने मुँह में ले ली. लेकिन किसी लड़की से कभी कह नहीं पायी. लेकिन किसी लड़की से कभी कह नहीं पायी. यूँ ही जुलाई का महीना था. मुझे उनमे कोई दिलचस्पी नहीं थी क्यों के मैं संजना के साथ खुश थी. इतनी दुबली पतली. ओह गॉड मैंने ऐसा कभी फील नहीं किया था. जो स्केलेटन ही हो. मुझे तो मेरे क्लास की लड़किया चिढ़ाती थी के मैं सुन्दर नहीं हूँ. उसके आने के बाद हम इधर उधर की बाते करने लगे.फिर संजना उससे पूछी “पल्लवी















