फिर मैं उसके ऊपर चढ़ के टांग को फैला दिया और उसके बूर के ऊपर अपना लंड रख के घुसाने लगा.पर वो घुसाने नहीं दे रही थी कह रही थी दर्द हो रहा है और अपना चूतड़ खीच लेती थी, मैं समझने की कोशिश की पहली बार दर्द होगा फिर दर्द नहीं होगा पर वो नहीं मान रही थी, फिर मैं उसके चूच को पिने लगा, होठ चूसने लगा धीरे धीरे चूच को दबाने लगा, तब वो धीरे धीरे कामुक होने लगी उसकी सांस में गर्मी आ गयी थी. XXXBF रात को खाना खाकर शिखा मेरे कमरे ही ही आ गयी, पर माँ को पता था की मेरी नियत हमेशा ठीक नहीं रहती इस वजह से माँ ने कहा आज तुम दोनों ड्राइंग रूम में ही सो जाओ.माँ के कमरे से ड्राइंग रूम पूरा दिखता है, तो माँ ने सही सोचा की आज मेरी बेटी चुद ना जाये, उस टाइम तक मेरे दिमाग में अपने बहन के बारे में कोई ख्याल नहीं आ रहा था, शिखा ने बाहर बेड लगाई आर दोनों सो गए, जैसे शिखा का गांड मेरे हाथ में सटा मैं तो बैचेन हो गया.मुझे लगा इससे बढ़िया मौक़ा नहीं आने बाला, तो मैंने शिखा धीरे धीरे छूना सुरु कर दिया, वो भी थोड़ा थोड़ा मज़ा लेने लगी, मैंने कहा शिखा आजकल जमाना है बोल्ड होने का, कल मैंने तुम्हारे लिए















