अनुभवी महिलाओं जैसे इंडिया समर से बेहतर कुछ नहीं

रिशु की पेंट निकलते ही वो उसे फिर से घुटनों के बल खड़ा होने को कहती है. XXXBF वो उसके कंधे से उसकी गर्दन को चूमता हुआ धीरे धीरे उसके मुख की और बढ़ता जा रहा था.प्रतिमा के हाथ रिशु की पीठ पर घूम रहे थे और अब उनकी सीमाँ बढ़ती जा रही थी. कमरे में दोनों की सांसों की आवाजें गूँज रही थी. वो अपनी माँ के गाल को हल्का सा काटता है. उसके गोल मटोल मुम्मे और नुकीले निप्पल छत का निशाना लगाये हुए थे.रिशु की नज़र अपनी माँ के मुम्मो से हट नहीं रही थी. उसकी माँ की सिसकियां, उसके अशलील लफ्ज़ जिनसे वो उसे उत्साहित कर रही थी और प्रतिमा की टाइट चूत में लंड पेलने का जबरदसत मज़ा वो जल्द ही सब कुछ भूल गया और उसकी स्पीड बड़ने लगी.“आआअहह………ऊऊुऊउक्कककचह………ऊऊुऊउक्ककचह…….ऊओह रहहुउऊउल्ल…….राआहहुउउल्ल्ल………चोदो मुझे…….हाएयययय….ई…….ऐसे ही मारो बेटा……..हाअयययययईई……….ऊऊऊफफफफफफफफ़फ्ड……” प्रतिमा की सिसकियाँ आग मैं घी डाल रही थी.रिशु और ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर खींच खींच कर अपना लंड अपनी माँ की चूत में घुसेड़ने लगा. अरे तुझसे यह अंगूठा बर्दाश्त नही हुआ और तूने मेरी चूत में पूरा मूसल घुसेड़ा हुआ है…..” प्रतिमा बेटे से नाराज़गी जाहिर करती है.

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