तेरी सासूमाँ तो चली गई हैं और दीनू मेरे कमरे में नहीं आता। तू बेफिकर रह। अभी मैं तेरी ये दूध से भरी चूचियां चूसूंगा और फिर तुझे नंगा करके तेरी चूत में अपना लण्ड डालकर तेरी चूत चोदूंगा…”मैं फिर नाटक करने लगी- “नहीं बाबूजी, चोदिए ना… यह आप क्या कर रहे हैं? XXXBF ये तो मैं पियूंगी…”ये कहकर मैंने जल्दी से उसका लण्ड पकड़ा और अपने मुँह में डाल लिया। दीनू के लण्ड से पूरे एक मिनट तक मनी निकलती रही और मेरा पूरा मुँह मनी से भर गया। मैंने सारी मनी पीकर उसका लण्ड अच्छी तरह चाट-चाटकर साफ किया और फिर मैं खड़ी हो गई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.दीनू ने मेरी दोनों चूचियों को पकड़कर कसकर दबा दिया जिससे मेरी मेरी सिसकारी निकल गई। दीनू ने मुझे दीवार से लगा दिया और बेतहासा मुझे किस करने लगा। मैंने भी उसे लिपटा लिया और उसके किस का साथ देने लगी। अब दीनू का लण्ड दुबारा से खड़ा होने लगा और फिर वो पूरी तरह से खड़ा होकर मेरी चूत में चुभने लगा।मैं कहने लगी- “दीनू प्यारे, तुम्हारा बदतमीज बच्चा फिर बदतमीजी करने लगा है…”दीनू बोलने लगा- “मेम साहिब अब मेरे बच्चे को भूख लगी है और ये खाना माँग रहा है…”मैं सिसकारी लेकर बोली- “उउफफ्फ… प्यारे, तो इसे खाना खिलाओ ना… तुम्हें रोका किसने है?”दीनू













